04 February 2011

तेरी याद में ...

तेरी दर्द की धुप में
मेरे ग़मों की परछाई
नज़र आती है|

जिसे भूल चुके थे हम
वोह हर बात
नज़र आती है|

आता है याद
तेरा रूठ के जाना
तेरे जाते हुए क़दमों की
आवाज़ नज़र आती है|

बैठें हैं दिल पर हाथ लिये
हर धडकन में बसी
तेरी याद चली आती है|

यह आवाज़ कहीं
तेरे आने की तो नहीं|
यह सोच सोच
मेरी सांस थम जाती है|

जो दामन हमारा
ना छोड़ती थी कभी
वही हंसी आज
सन्नाटों में बसी जाती है|

अब कैसा शिकवा
अब कैसी शिकायत
जब रेत की तरह हाथों से
जिंदगी फिसल जाती है|

अब तो आ जा
मुझे थाम ले मौला
मेरी हर सांस
तेरा नाम गुनगुनाती है||